शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

सेकुलर लोगो शर्म करो !

जागरण २२जून २०१० की इस खबर को पढ़ कर हरेक देश वासी का खून खौलना चाहिए ,लेकिन हमारी नपुंसक सेकुलर सब कुछ जानकर भी चुप बैठी है,कि कहीं कश्मीर के मुसलमान नाराज न हो जाएँ .इस बेशर्म सरकार को चाहिए था कि अगर इनमे भारतीय पिताका खून है तो कश्मीर की डल झील में डूब कर मर जाएँ .




श्रीनगर [नवीन नवाज]। 'वेलकम टू छोटा पाकिस्तान, इंडियंस गो बैक' -यह एलओसी पर जहां पाकिस्तानी सीमा शुरू होती है, वहां नहीं लिखा है। यह लिखा है लालचौक से मात्र छह किलोमीटर की दूरी पर बाग-ए-महताब इलाके से गुजरने वाले रेलवे पुल पर।

पुल पर जो लिखा है, वह कश्मीर के मौजूदा हालात बयां करने और वादी के सुधरते हालात के सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। पुलिस व अ‌र्द्धसैनिक बल के जवान-अफसर अक्सर इस पुल के पास से गुजरते हैं, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं कि राष्ट्र विरोधी इन पंक्तियों को मिटा दे। न कोई यह बताने की स्थिति में है कि इन पंक्तियों को कौन इतनी ऊंचाई पर लिख गया।
छन्नपोरा-श्रीनगर के रास्ते बडगाम जिले के चरार-ए-शरीफ जाते हुए प्रतिदिन सैकड़ों वाहन इस पुल के नीचे से गुजरते हैं। स्थानीय लोगों पर शायद इन नारों का असर नहीं होता है, लेकिन कश्मीर घूमने आने वाले पर्यटकों पर इसका प्रतिकूल असर होता है। अक्सर पर्यटक चरार जाते हुए जब इन पंक्तियों को पढ़ते हैं तो वापस श्रीनगर का रुख कर लेते हैं। पुल के नीचे फलों के ठेले के पास जमा लोगों से जब पूछा कि यह क्या लिखा है तो एक युवक ने उत्तेजित होकर कहा-'इसमें गलत क्या है। यहां हिंदुस्तान नहीं चलेगा। आप टूरिस्ट हो, घूमो और चलो।'
इस संदर्भ में जब संबंधित एसडीपीओ सज्जाद अहमद से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा-'हमारी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है। हमारे पास ऐसी कोई शिकायत भी नहीं आई है। हम पुल पर लिखे इन राष्ट्र विरोधी नारों की जांच करते हुए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।'

सचमुच यह हमारे लिए लज्जा का विषय है ।अगर हम इसी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो स्तिथि और गंभीर हो जाएगी।


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