सोमवार, 12 जुलाई 2010

खुली चुनोती देश तोड़नेवाले घिर्नित इरादों को

खुली चुनोती देश तोड़नेवाले घृणित इरादों को
भारत माँ लो डायन कहनेवाले कुछ जल्लादों को
राम के बेटे अबकी अयोध्या खाली हाथ न जायेंगे
साफ़ बता दो क्या करना है बाबर की औलादों को
राम का मंदिर बनवाना तो केवल एक बहाना है
लक्ष्य हमारा लाल किले पर केसरिया लहराना है

आंसू पीते युग बीते है अब मत अत्याचार सहो
गूंगी बहरी राजनीत को एक बार ललकार कहो
जनम भूमि पे मंदिर मस्जिद घिर्नित है राम विरोधी है
उनसे कहदो सिंहासन से जाने को तैयार रहो
हम जागे और तुम जागे अब सारा देश जगाना है
राम का मंदिर बनवाना तो केवल एक बहाना है
लक्ष्य हमारा लाल किले पर केसरिया लहराना है

हम खेवट की नैया मै फिर राम बिठाने आये है
शबरी के बेटो से कहदो राम बुलाने आये है
जिनके मन में राम भक्ति है उनका एक घराना है
राम का मंदिर बनवाना तो केवल एक बहाना है
लक्ष्य हमारा लाल किले पर केसरिया लहराना है

कोई कह दे कब किसी ने काबा की दीवारे तोड़ी
कब हमने मक्का में जाकर मस्जिद या मीनारे तोड़ी
पर अपनी धर्म सुरक्षा में शोणित का लहू बहा देंगे
गंगा को पड़ी जरुरत तो लहू की नदी बहा देंगे
तुम खूब कुरान पढो पर हमको भी गीता पढ़ाने दो
चंदा से बैर नहीं पर सूरज पर अर्ध्य चढाने दो
राम का मंदिर बनवाना तो केवल एक बहाना है
लक्ष्य हमारा लाल किले पर केसरिया लहराना है

नहीं भूले है, नहीं भूलेंगे कारसेवको के बलिदानों को
सबक सिखांगे राम भक्तो पर गोली चलनेवालो को
शिवाजी की तलवार ने फिर हमको ललकारा है
रणचंडी के चरणों में शिशो का ढेर लगाना है
राम का मंदिर बनवाना तो केवल एक बहाना है
लक्ष्य हमारा लाल किले पर केसरिया लहराना है

। । जय श्री राम । ।

सम्पादित
विकास सिंघल

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